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Thursday, 21 January 2016

parsvnath ji jeevan parichay

नाम
पार्श्वनाथ
पिता का नाम
विश्वसेन (अश्वसेन)
माता का नाम
वामा
कुल
उग्र वंश
गर्भ कल्याण
स्थान
वाराणसी
तिथी
बैसाख बदी २
नक्षत्र
विशाखा
जन्म कल्याण
स्थान
वाराणसी
तिथी
पौष बदी ११
नक्षत्र
विशाखा
राशी
कुंभ
चिन्ह (लक्षण)
नाग (सर्प)
वर्ण
हरा
शरीर की ऊंचाई
९ हाथ
दीक्षा कल्याण
वैराग्य का कारण
जाति स्मरण होना
तिथी
पौष बदी ११
समय
प्रातः काल
नक्षत्र
विशाखा
पालकी
विमला
नगर
वाराणसी
वन
अश्वरथ
वृक्ष
देवदारु
वृक्ष की ऊंचाई
१०८ धनुष
कितने राजाओ ने संग दीक्षा ली
३००
उपवास का नियम
तेला
प्रथम आहार
दीक्षा के कितने दिन बाद
स्थान
काश्यकृत पूरी
आहार देने वाले राजा का नाम
धनदत्त
आहार की वस्तु
गाय के दूध की खीर
केवलज्ञान से पूर्व उपवास
तपस्या काल
७० वर्ष
केवलज्ञान कल्याण
तिथी
चैत्र बदी १४
समय
प्रातः काल
नक्षत्र
विशाखा
स्थान
शुक्र पूरी
वन
शक्रपुर
वृक्ष
देवदारु
समवशरण
विस्तार (योजन में)
१.२४
विस्तार (कोस में)
कुल गणधर
१०
मुख्य गणधर
स्वयम्भू
मुख्य आर्यिका
सुलोचना जी
मुख्य श्रोता
महासेन
मुख्य यक्ष
मातंग
मुख्य यक्षिणी
पद्मावती
मोक्ष कल्याण
तिथी
सावन सुदी ७
समय
प्रातः
स्थान
सम्मेदशिखर
विशिष्ठ स्थान
स्वर्णभद्र कूट
नक्षत्र
विशाखा
आसन
खडगासन
साथ में मुनि मोक्ष गए
३६
विवाह
चौथे ब्रह्मचारी
मुख्य पुत्र
चौथे ब्रह्मचारी
संघपति
सुप्रभात सेन
कुमार काल
३० वर्ष
छद्मस्त काल
४ माह
आयु
१०० वर्ष
प्रभु के काल में शलाका पुरुष
चक्रवर्ती
कोई नहीं
बलभद्र
कोई नहीं
नारायण
कोई नहीं
कामदेव
नागकुमार
प्रतिनारायण
कोई नहीं
नारद
कोई नहीं
रूद्र
कोई नहीं
विशेष पद
बाल ब्रह्मचारी

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