नाम
|
धर्मनाथ
|
पिता का नाम
|
भानुसेन
|
माता का नाम
|
सुव्रता
|
कुल
|
कुरु वंश
|
गर्भ कल्याण
| |
स्थान
|
रत्नपुरी
|
तिथी
|
बैशाख सुदी १३
|
नक्षत्र
|
रेवती
|
जन्म कल्याण
| |
स्थान
|
रत्नपुरी
|
तिथी
|
माघ सुदी १३
|
नक्षत्र
|
पुष्य
|
राशी
|
कर्क
|
चिन्ह (लक्षण)
|
वज्रदंड
|
वर्ण
|
स्वर्ण
|
शरीर की ऊंचाई
|
४५ धनुष
|
दीक्षा कल्याण
| |
वैराग्य का कारण
|
उल्कापात होना
|
तिथी
|
माघ सुदी १३
|
समय
|
दोपहर बाद
|
नक्षत्र
|
पुष्प
|
पालकी
|
नाग दत्ता
|
नगर
|
रत्नपुरी
|
वन
|
शाली
|
वृक्ष
|
सप्त छंद
|
वृक्ष की ऊंचाई
|
५४० धनुष
|
कितने राजाओ ने संग दीक्षा ली
|
१०००
|
उपवास का नियम
|
तेला
|
प्रथम आहार
| |
दीक्षा के कितने दिन बाद
|
३
|
स्थान
|
सोमनंस पूरी
|
आहार देने वाले राजा का नाम
|
धन्यसेन
|
आहार की वस्तु
|
गाय के दूध की खीर
|
केवलज्ञान से पूर्व उपवास
|
३
|
तपस्या काल
|
२५०००० वर्ष
|
केवलज्ञान कल्याण
| |
तिथी
|
पौष सुदी पूनम
|
समय
|
दोपहर बाद
|
नक्षत्र
|
पुष्य
|
स्थान
|
रत्न पूरी
|
वन
|
सहेतुक
|
वृक्ष
|
दधिपर्ण
|
समवशरण
| |
विस्तार (योजन में)
|
५
|
विस्तार (कोस में)
|
२०
|
कुल गणधर
|
४३
|
मुख्य गणधर
|
अरिष्टसेन
|
मुख्य आर्यिका
|
सुव्रताश्री जी
|
मुख्य श्रोता
|
पुरुणवरं
|
मुख्य यक्ष
|
किंपुरुष
|
मुख्य यक्षिणी
|
अनंतमती
|
मोक्ष कल्याण
| |
तिथी
|
जेठ सुदी ४
|
समय
|
अन्तिमरात्रि
|
स्थान
|
सम्मेदशिखर
|
विशिष्ठ स्थान
|
सुदत्तवर कूट
|
नक्षत्र
|
पुष्प
|
आसन
|
खडगासन
|
साथ में मुनि मोक्ष गए
|
८०१
|
विवाह
|
विवाहित
|
मुख्य पुत्र
|
सुधर्म
|
संघपति
|
विनय सेन
|
कुमार काल
|
२.५ लाख वर्ष
|
छद्मस्त काल
|
१ वर्ष
|
आयु
|
१० लाख वर्ष
|
प्रभु के काल में शलाका पुरुष
| |
चक्रवर्ती
|
मधव और सनत कुमार
|
बलभद्र
|
श्री सुदर्शन
|
नारायण
|
श्री पुरुषसिंह
|
कामदेव
|
कोई नहीं
|
प्रतिनारायण
|
मधुकैरम
|
नारद
|
काल
|
रूद्र
|
जीतनामी
|
विशेष पद
|
मांडलिक राजा
|
Thursday, 21 January 2016
dharmnath ji jeevan parichay
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment